✨ प्रस्तावना: कुट्टू की पूरी का स्वाद, परंपरा का सम्मान
कुट्टू की पूरी भारत में केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, यह आत्म-नियंत्रण, शुद्धता और परंपरा का प्रतीक है। नवरात्रि, एकादशी, शिवरात्रि जैसे पर्वों पर जब हम सात्विक भोजन करते हैं, तो उसमें कुट्टू की पूरी एक विशेष स्थान रखती है। यह पूरी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि शरीर को ऊर्जा देने वाली भी होती है।
“कुट्टू की पूरी सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव है जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है।”
🧂 सामग्री की सूची (Ingredients)
मुख्य सामग्री:
सामग्री | मात्रा |
---|---|
कुटू का आटा | 1 कप |
उबले आलू | 2 मध्यम आकार के |
सेंधा नमक | स्वादानुसार |
हरी मिर्च | 1 बारीक कटी हुई |
घी | पराठा सेंकने के लिए |
जीरा | ½ चम्मच (वैकल्पिक) |
काली मिर्च | 1 चम्मच |
विधि
1.गूंथना
- एक बर्तन में उबले आलू लें।
- उसमें कुटू का आटा लें
- उसमें जीरा डाले
- उसमें सेंधा नमक डाले
- उसमें काली मिर्च डाले
- उसमें हरी मिर्च डाले
- मिलाएं। नरम आटा गूंथ लें (बिना पानी के)
2. आराम देना:
- आटे को 10-15 मिनट ढककर रखें।
3. बेलना:
- लोई बनाएं
3. पूरियाँ बेलना:
- बेलते समय आटे को चिपकने से बचाने के लिए सूखा आटा या तेल का प्रयोग करें।
- हर लोई को बेलन या हाथ से हल्के से बेलें
4. तलना:
- कढ़ाई में घी या तेल गरम करें।
- गरम तेल में पूरियाँ डालें और दोनों तरफ से सुनहरी होने तक तलें।
- टिशू पेपर पर निकालें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।
RECIPE CARD
🌾 कुट्टू की पूरी कैसे बनाएं – व्रत के लिए एक स्वादिष्ट और सात्विक विकल्प
Ingredients
Method
- एक बर्तन में कुट्टू का आटा, आलू, सेंधा नमक, हरी मिर्च और अदरक मिलाएं।
- थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर सख्त आटा गूंथें।
- आटे की लोइयाँ बनाकर बेलें।
- गरम तेल में सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें।
- टिशू पेपर पर निकालें और गरमागरम परोसें।
🍽 परोसने के सुझाव
- व्रत वाली आलू की सब्ज़ी के साथ परोसें।
- दही और फलाहारी चटनी जैसे नारियल या धनिया की चटनी के साथ।
- ब्रास की थाली, केले के पत्ते या मिट्टी के बर्तन में परोसें ताकि पारंपरिक भाव बना रहे।
🧘♀️ भावनात्मक जुड़ाव
कुट्टू की पूरी हमें हमारी दादी-नानी की रसोई की याद दिलाती है। जब घर में व्रत होता था, तो सुबह से ही किचन में हलचल होती थी। आलू उबलते थे, आटा गूंथा जाता था, और पूरी तलने की खुशबू पूरे घर में फैल जाती थी।
“हर पूरी में एक कहानी होती है – श्रद्धा की, स्वाद की और स्मृति की।”
🌿 पोषण लाभ
- ग्लूटेन-फ्री – पेट के लिए हल्का और पचने में आसान
- फाइबर से भरपूर – लंबे समय तक पेट भरा रहता है
- प्रोटीन और मिनरल्स – व्रत के दौरान ऊर्जा बनाए रखने में मदद
- आलू से कार्बोहाइड्रेट – शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है
🔀 विविधता (Variations)
- राजगिरा या सिंघाड़े के आटे से भी पूरी बनाई जा सकती है
- पनीर या मूंगफली की स्टफिंग डालकर भरवां पूरी
- एयर फ्राई करके हेल्दी विकल्प
- मिनी पूरियाँ बच्चों के लिए
📜 हिंदी सारांश
कुट्टू की पूरी एक पारंपरिक व्रत भोजन है जो स्वाद और पोषण दोनों से भरपूर होती है। इसे बनाने के लिए कुट्टू के आटे में आलू और सिंघाड़े का आटा मिलाकर सख्त आटा तैयार किया जाता है। फिर उसे बेलकर घी में तलते हैं। यह पूरी आलू की सब्ज़ी और दही के साथ परोसी जाती है।
त्योहारों में कुट्टू की पूरी
नवरात्रि में जब नौ दिन तक व्रत रखा जाता है, तब कुट्टू की पूरी एक वरदान की तरह होता है। यह न केवल पेट भरता है, बल्कि स्वाद और ऊर्जा भी देता है। कई घरों में इसे पूजा के बाद प्रसाद के रूप में भी परोसा जाता है। नवरात्रि में व्रत के दौरान उबले या हल्के मसाले वाले व्रत आलू, चाय ,कुटू का पराठा के साथ भी खाए जाते हैं|
📝 अंतिम विचार
कुट्टू की पूरी बनाना एक कला है – जिसमें श्रद्धा, स्वाद और परंपरा का मेल होता है। यह रेसिपी न केवल व्रत के लिए उपयुक्त है, बल्कि हर उस दिन के लिए भी जब आप कुछ सात्विक और स्वादिष्ट खाना चाहें |
फुल कोर्स व्रत मेनू
- NDTV Food – नवरात्रि स्पेशल मेनू
शकरकंदी टिक्की, साबूदाना बोंडा, कुट्टू खिचड़ी जैसे व्यंजन। - Femina – 3 झटपट नवरात्रि रेसिपी
मीठे आलू और व्रत मसालों से बनी आसान रेसिपी।
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